राम नाम सहज है...

 ऐसे करे श्रीराम की पूजा-अर्चना

शास्त्रों ने बताया गया है कि कोई भी व्रत हो, उसके लिये श्रद्धा, भक्ति और नियम-निष्ठा अवश्य होनी चाहिए. बिना इनके मन की अशुद्धता और पवित्रता कदापि दूर नहीं हो सकती. अत: इस दिन उपवास और पूजन द्वारा उन महापुरुष के कल्याणकारी चरित्र का अनुचिंतन और अनुशीलन होना चाहिए.

 
 
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